The Lekhak
  • Home
  • Articles
  • Quotes
  • Poem
  • Shayari

life shayari

Shayari

न जाने क्यों मगर इंसान

न जाने क्यों मगर इंसान कुछ यूं करता हैमौत की तरफ दौड़ता है और जिंदगी से प्यार करता है 

By Kunj R. Atha, 2 years2 years ago
Shayari

की ज़िंदा क्या हैं ?

की ज़िंदा क्या हैं ? ज़िंदगी क्या है?…तेरे साथ हो तो ज़िंदगी वरना तो महज़ ज़िंदा हैं।

By Kunj R. Atha, 2 years2 years ago
Shayari

कि कौन कमबख्त कहता है कि

कि कौन कमबख्त कहता है कि बड़ी सुकून की नींद आ जाती है रात मेंकाली से काली रात भी नाकाम हो जाती है खाली पेट सोने की कोशिश में

By Kunj R. Atha, 2 years2 years ago
Shayari

ताउम्र हम किनारे कि

ताउम्र हम किनारे कि तलाश मे रहेमंज़िल-ए-ज़िंदगानी तो सफर मे थी।

By Kunj R. Atha, 2 years2 years ago
Shayari

छलावा ज़माने का अब

छलावा ज़माने का अब मज़ाक लगता है,अपनों ने ही जब लूटा हमें तो बड़े से बड़ा लूटेरा भी अब बेचारा लगता है…

By Kunj R. Atha, 2 years2 years ago
Shayari

ना जाने कितनी

ना जाने कितनी कम है आबादी यहाँ… इंसान क्यों मुझे कोई दीखता नहीं।

By Kunj R. Atha, 2 years2 years ago
Shayari

कि फिज़ूल जिया जो

कि फिज़ूल जिया जो जितना भी जिया हमने,जब दुनिया के लिए जिया तो क्या ही जिया हमने।

By Kunj R. Atha, 2 years2 years ago
Shayari

जिन्होंने वादे किये..

जिन्होंने वादे किये हर वक़्त साथ देने के,मारे वक़्त वो उस वक़्त दिखाए नहीं दिए । 

By Kunj R. Atha, 2 years2 years ago
Shayari

ज़माने कि शोर से दूर

ज़माने कि शोर से दूर वो जो तेरे घर हैँ मुझे वहां सुकून मिलता हैँजैसे दरिया के नाविक को शीतल चांदनी से बिछे तालाब मे आराम मिलता हैँ

By Kunj R. Atha, 2 years2 years ago
Shayari

सब कुछ सब के मुकद्दर मे नहीं होता हैँ, कुछ कि झोली खालीपन से भरी होती हैँ ।

सब कुछ सब के मुकद्दर मे नहीं होता हैँ कुछ कि झोली खालीपन से भरी होती हैँ 

By Kunj R. Atha, 3 years3 years ago
About Us

TheLekhak.in is developed by Kunj R. Atha a budding writer to publish some of his ideas and works on a self-sustainable platform.

Follow Us

Facebook

Instagram

Twitter

 


  • Home
  • Articles
  • Quotes
  • Poem
  • Shayari
© 2021 TheLekhak.in