Shayari
भीख मांगी मैने खुदा से
भीख मांगी मैने खुदा से जिसके खातिर उसी ने आख़िर भिकारी समझ के छोड़ दिया
भीख मांगी मैने खुदा से जिसके खातिर उसी ने आख़िर भिकारी समझ के छोड़ दिया
की ज़िंदगी ख़तम नहीं हो जाती किसी के चले जाने से महज ज़िंदा रेह जाता है इंसान उसकी ज़िंदगी के बिछड़ जाने से
वफ़ा का वादा तो करता है हर कोईफिर भी ज़माने मे बेवफाई हुआ करती है..साथ देना का वादा तो करता है हर कोईफिर भी ज़माने मे तन्हाई हुआ करती है…
वक़्त गुज़रे बहोत सी यादें बन गयी यादो कि याद मे किसी कि याद आ गयी… जिनको याद करते थे रात दिन,आज मुद्दतों बाद उनकी याद आ गयी।
जिन्होंने वादे किये हर वक़्त साथ देने के,मारे वक़्त वो उस वक़्त दिखाए नहीं दिए ।
एक मोहब्बत सबब-ए-मशरूफियत ख़तम हो गयी दोनों फुरसत की तलाश में थे और श्याम ढल गयी सबब-ए-मशरूफियत – Reason of Busyness/Due to Lack of time