Shayari
भीख मांगी मैने खुदा से
भीख मांगी मैने खुदा से जिसके खातिर उसी ने आख़िर भिकारी समझ के छोड़ दिया
भीख मांगी मैने खुदा से जिसके खातिर उसी ने आख़िर भिकारी समझ के छोड़ दिया
वफ़ा का वादा तो करता है हर कोईफिर भी ज़माने मे बेवफाई हुआ करती है..साथ देना का वादा तो करता है हर कोईफिर भी ज़माने मे तन्हाई हुआ करती है…
छलावा ज़माने का अब मज़ाक लगता है,अपनों ने ही जब लूटा हमें तो बड़े से बड़ा लूटेरा भी अब बेचारा लगता है…