“Pehli Mulaqat” is a poem in which Kunj R. Atha writes about how sometimes meeting someone special can change your perspective towards life. This poem speaks about the poet meeting someone special and how he fell in love with the person he meets.

पहली मुलाक़ात

उस पल जिस पल हम मिले थे क्या समां क्या मौसम की चाल थी
बिखरी ज़ुल्फ़ें की तिरछी नज़रें की गालों पे क्या लाली थी

कहते-कहते हम बहुत कुछ न कह सकें  
तुम कुछ न कहके भी हमे कितना चुप कर गए

हम तुम्हारी मुस्कुराहट में तुम्हारा इज़हार समझ बैठे
जुबां से नहीं तुम्हारे दिल से मगर तुम्हारी “हाँ” सुन बैठे

हो सकता था ये भी मेरे समझने में धोखा
अगर जो होता तो कितना खूबसूरत ये धोखा होता

शुक्र है मगर इसमें भी कुछ हक़ीक़त थी
मुज नासमजे को ये समझने में भी कुछ समझदारी थी

फिर तो हमेशा से जैसा होता है वैसी ही कुछ बात होने लगी
दिल जिगर हार बैठे, की तुमसे उसी मुलाकत से मोहब्बत होने लगी

फिर तो लिखूं क्या मै अब तो अफ़साने है लिखने को
बहुत समझा है तुमको मगर अभी भी बाक़ी  है बहुत समझने को

Kunj R. Atha

Kunj R. Atha is the Founder of The Lekhak with the vision to publish his ideas on a platform that doesn't limit or restrict ideas on any grounds. He is also an Entrepreneur and is currently working in Food Industry. Currently residing in Mumbai, India he aims at writing on the subjects of Literature, Poetry, Philosophy and Life.

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